Sunday, 18 September 2016

While replying on a facebook query

While replying on a facebook query-
Query:-किसी घर में चार भाई हो , बाकी तीन भाइयों की पैदाइश से पहले उसके पिता ने सिर्फ अपने बड़े बेटे के लिए कोई जमीन अथवा प्रोपेर्टी खरीदी , जबकि उस वक़्त उसके बेटे को अक़्ल भी नहीं थी मतलब नाबालिग था अब बाप की मौत हो चुकी ऐसे में उस प्रॉपर्टी में बाकि तीनों भाइयों का शेयर बनता है या नहीं .........?
My reply-यदि पिता ने सम्पति खरीदी तो जिसके लिये खरीदी,उसी का उस सम्पति पर अधिकार होगा।खरीदी गयी सम्पति का पुत्रों के बीच में समान रूप से विभाजन नहीं होता।यदि पिता किसी खास पुत्र को खरीदी गयी सम्पति नहीं लिखता और सम्पति पिता ने अपने नाम से खरीदी होती तो पिता के मृत्यु के बाद सभी को उस सम्पति में बराबर हिस्सेदारी मिलता।पिता का यदि पैतृक सम्पति होता,जो पूर्वज से प्राप्त होता है,तो किसी एक पुत्र के नाम नहीं लिखा जा सकता था और सभी का बराबर हिस्सा होता।ख़रीदी गयी सम्पति और पैतृक सम्पति के उत्तराधिकार नियम में यही मौलिक अंतर है।
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Privy Council ne Sri Kakulam Subrahmanyam vs Kurra Subba Rao, (1948) 50 BOMLR 646, ke case me Guardian ke dwara minor ke behalf me kiye gye contract ko valid mana hai.sale deed bhi ek contract hai..esliye father apne nabalig beta ke naam jamin kharid sakta hai. 

kharidi gyi sampati par father ya kisi ka bhi absolute ownership hota hai...wo kisi ko bhi likh sakta hai,will kar sakta hai ya gift kar sakta hai...chahe wo beta ho ya naukar ya koyi aur...kharidi hui sampati kisi ko bhi de sakta hai...kharidi hui sampati ke liye ye baat mayne nahi rakhte ki three beta paida nahi hue the.ye baat paitrik sampati ke liye mayne rakhta hai...paitrik sampati ko father kisi beta ya kisi aur ko nahi likh sakta.chahe beta paida hua ho ya nahi,wo paida hoga to paitrik sampati me usko right milega hi...
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