गरीब को गरीबी रेखा से उपर दिखाना और गरीबी रेखा से उपर का राशन कार्ड बनाना व अमीर को गरीबी रेखा से नीचे दिखाना और गरीबी रेखा से नीचे का राशन कार्ड बनाना।ये IPC का धारा 24 के तहत बेइमानी और धारा 25 के तहत फ्राड है।इसलिए ये धारा 415 के तहत धोखाधड़ी और धारा 463,464 के तहत फर्जीवाड़ा का परिभाषा के दायरे में आएगी और साथ ही धारा 405 के तहत आपराधिक न्यास भंग(ठगी) के दायरे में भी।लेकिन फिर भी ऐसे सर्वे कर्मियों व दलालों पर ठगी(धारा 406 और 409), फर्जीवाड़ा(धारा 465,466,468 और 471) और धोखाधड़ी(धारा 417 और 420) का मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया जाता?
इतनी बड़ी ठगी,धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा सबके सामने होती है लेकिन आजतक किसी पर आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ और ना ही सरकार,हाईकोर्ट,सुप्रीम कोर्ट ने कभी ऐसा मुकदमा दायर करने का आदेश दिया।इंदिरा आवास योजना का लाभ अमीरों को देना भी एक ऐसा ही ठगी, धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा है।
कुछ कानूनी पृष्ठभूमि के ऐसे मित्र भी हो सकते हैं जो दलील दे सकते हैं कि मैं जिसे ठगी,धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा बता रहा हूँ,वो IPC के अनुसार ठगी,धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा नहीं है।ऐसे मित्र इस फोटो में संबंधित धाराओं को देखे।
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