Saturday 25 April 2015

समानांतर लोकतंत्र की अवधारणा


यदि जनता को खुद सजा देना है तो किसी को चोरी,छीना-झपटी आदि में पकड़ने पर पीटने के बजाय भ्रष्टाचारी सरकारी गुंडा द्वारा जबरन वसूली करते पकड़ने पर उसे सार्वजनिक रुप से फांसी पर लटका दे।हमें कट ऑफ से ज्यादा अंक है,उसके बावजूद नामांकन के लिए रुपये दो।FIR की एक कॉपी निशुल्क देना है,उसके बावजूद कॉपी लेने के लिए रुपये दो।आधार कार्ड निशुल्क बनाना है,उसके बावजूद तीस रुपये दो।ऐसे हजारों उदाहरण हैं जिसे हम घूस देना कहते हैं,लेकिन ये घूस नहीं जबरन वसूली है।ऐसे सरकारी गुंडा को सार्वजनिक रुप से फांसी पर लटका दे। चोर जब छिपकर चोरी करता है तो वो भयभीत रहता है और प्रायः चोरी करना उसकी मजबूरी होती है लेकिन कुछेक बार पकड़ाने पर पिटवाकर मारा जाता है।एक सरकारी गुंडा खुले तौर पर वसूली करता है और हम देखते रहते हैं।उसे चोर,चोर कहते हैं,इसे सर,सर कहते हैं?
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  • You, Lalu KumarAfsar Raza AapJagannath Jaggu and 15 others like this.
  • Navjyot Kumar एकदम सही कहा आपने राहुल जी!
  • Rahul Kumar धन्यवाद। #नवज्योतजी
  • Gaurav Agarwal बिल्‍कुल सही कहा सर राहुल जी आपने मैने ताे पहले ही कहा था इस सिस्‍टम से हमारा विश्‍वास उठ चुका है यहां सब चोर हैं और इन चोरो की सजा सार्वजनकि मौत देनी चाहीए हम तो इसके लिये तैयार हैं
  • Deepak Kumar Pandey कोई सिस्टम बनाइये जिससे लगाम लगाया जा सके हम आपके साथ है दीपक कुमार पाण्डेय मो नम्बर 9454273176
  • Rahul Kumar इसके लिए अब हमलोग को कार्ययोजना बनाना पड़ेगा।सार्वजनिक रुप से फांसी देना अंतिम उपाय होगा।इसके पहले कानून के समानांतर कुछ कदम उठाये जा सकते हैं।जैसे पुलिस,जांच एजेंसी आदि द्वारा अरेस्ट नहीं करने पर जनता द्वारा खुद अरेस्ट करना,फिर कानून द्वारा जेल नहीं भेजने पर अपना जेल बनाकर बंद करना,सही से जांच नहीं करने पर समानांतर जांच एजेंसी बनाकर जांच करना और कोर्ट द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर समानांतर कोर्ट बनाकर कार्यवाही करना,फिर सार्वजनिक रुप से फांसी या सार्वजनिक जेल में रखने की सजा समानांतर कोर्ट द्वारा दिया जाना।समानांतर अपीलीय कोर्ट का भी प्रावधान होगा।
  • Rahul Kumar कल के स्टेटस में भ्रष्टाचारी को सार्वजनिक रुप से फांसी देने के बारे में लिखा।लेकिन ये अंतिम उपाय होगा।इसके पहले कानून के समानांतर कुछ कदम उठाये जा सकते हैं।उदाहरणतः पुलिस,जांच एजेंसी आदि द्वारा अरेस्ट नहीं करने पर जनता द्वारा खुद अरेस्ट करना,फिर पुलिस/मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर इनके द्वारा जेल नहीं भेजने या जेल भेजकर कोर्ट द्वारा अपर्याप्त आधार पर जमानत देकर छोड़ देने पर अपना जेल बनाकर बंद करना,सही से जांच नहीं करने या जांच में देरी करने पर समानांतर जांच एजेंसी बनाकर जांच करना और समानांतर जांच एजेंसी के जांच रिपोर्ट को अदालती कार्यवाही में शामिल करने के लिए समानांतर जांच एजेंसी द्वारा केस का एक पक्षकार बनना और कोर्ट द्वारा सही से फैसला नहीं करने या फैसला में देरी करने या गलत प्रक्रिया अपनाने पर समानांतर कोर्ट बनाकर समानांतर जांच एजेंसी के रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा प्रारंभ करना,फिर सार्वजनिक रुप से फांसी या जनता द्वारा निर्मित जेल में रखने की सजा समानांतर कोर्ट द्वारा दिया जाना।समानांतर अपीलीय कोर्ट का भी प्रावधान होगा।सरकार के समानांतर जनता द्वारा कानूनी प्रक्रिया अपनाने वाला तंत्र विकसित करना होगा।
  • Chandrabhan Gupta मौजूदा िस्थति मे यह बात बिलकुल सही है। सब कुछ लिखना कहना आसान है। पर करने पर बहूॅत ज्यादा परेशानी एवं दिक्कते होती है और आम व्यक्ति किसी न किसी बजह से मजबूर होकर शान्त हो जाता है। इसका फायदा तंत्र के रखवाले उठाते है। सही है। उन्हे हम सर सर कहते है जो हमारा सर काटते है। चोर को हम सब चोर कहते है। जो कभी कभी वास्तव मे मजबूर या लाचार होता है और कभी कभी जबरिया चोर बना भी दिया जाता है। बहुॅत बडी हिम्मत ताकत और समय चाहिये ऐसे सर सर को सरकलम करने के लिये। बस जब इन्तिहा हो जाती है तब क्ान्ति ही होती है वह भी कभी कभी असफल हो जाती है और या कुछ समय सफल होने के बाद पहले की स्थिति आ जाती है। यह दौर निरन्तर चलता रहता है।
  • Rahul Kumar #चन्द्रभानगुप्ताजी- आपका दार्शनिक सोच अच्छा लगा।सहमत हूँ।


कल के स्टेटस में भ्रष्टाचारी को सार्वजनिक रुप से फांसी देने के बारे में लिखा।लेकिन ये अंतिम उपाय होगा।इसके पहले कानून के समानांतर कुछ कदम उठाये जा सकते हैं।उदाहरणतः पुलिस,जांच एजेंसी आदि द्वारा अरेस्ट नहीं करने पर जनता द्वारा खुद अरेस्ट करना,फिर पुलिस/मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने पर इनके द्वारा जेल नहीं भेजने या जेल भेजकर कोर्ट द्वारा अपर्याप्त आधार पर जमानत देकर छोड़ देने पर अपना जेल बनाकर बंद करना,सही से जांच नहीं करने या जांच में देरी करने पर समानांतर जांच एजेंसी बनाकर जांच करना और समानांतर जांच एजेंसी के जांच रिपोर्ट को अदालती कार्यवाही में शामिल करने के लिए समानांतर जांच एजेंसी द्वारा केस का एक पक्षकार बनना और कोर्ट द्वारा सही से फैसला नहीं करने या फैसला में देरी करने या गलत प्रक्रिया अपनाने पर समानांतर कोर्ट बनाकर समानांतर जांच एजेंसी के रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा प्रारंभ करना,फिर सार्वजनिक रुप से फांसी या जनता द्वारा निर्मित जेल में रखने की सजा समानांतर कोर्ट द्वारा दिया जाना।समानांतर अपीलीय कोर्ट का भी प्रावधान होगा।सरकार के समानांतर जनता द्वारा कानूनी प्रक्रिया अपनाने वाला तंत्र विकसित करना होगा।
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  • Mayank Agarwal Rahul.Kumar ji please send your comments and suggestions to ddc.delhi@gov.in
  • Mayank Agarwal Delhi Dialogue Commission a citizen engagement platform headed by Arvind Kejriwal
  • DrBhanu Pandey Unique thought.
  • Ankit Kumar Bhai, apko kanun ka mtlb samajhna. Agar hm parallel law ki bt kare, to jitni muh utni bate hongi. Bcoz janta me wo v samil hn jo galat kam karte hn. Almost hr koi kisi na kisi galat kam me involve hota h. Aise me parallel law ka missue hoga.
    Apko samajhna chahiye, hmare kanun bnane wale itne bewkuf n honge. Jarur unke pass aapse-hmse jada gyan, anubhaw, samajh etc hoga.
  • Rahul Kumar #अंकितजी-भ्रष्टाचार के मामला के खिलाफ समानांतर न्यायिक तंत्र का दुरुपयोग की संभावना नगण्य है।भ्रष्टाचार के अतिरिक्त किसी दूसरे मामले को शामिल कर ले तो ज्यादा दुरुपयोग ही होगा।लोग बलात्कार,रंगदारी आदि का झूठा आरोप में फंसाकर खुद सजा देने लगेंगे।आपने घोटाला के झूठे आरोप में फंसाए गए कितने लोग के बारे में सुना है?मैं बलात्कार के झूठे आरोप में फंसाए गए कुछ लोगों के मानवाधिकार की रक्षा के लिए कार्य करता हूँ लेकिन आज तक किसी आम आदमी द्वारा किसी को भ्रष्टाचार के झूठे आरोप में फंसाए जाने के बारे में नहीं सुना।सबसे बड़ी समस्या यही है कि जनता भी स्वयं भ्रष्ट है।समानांतर कार्यवाही प्रारंभ कर भ्रष्ट लोकसेवक से रुपये लेकर क्लीन चिट दे दे।यही डर है।बाद बाकी झूठे आरोप में फंसाने का डर नहीं।कानून बनाने वाले के पास जानकारी जितनी रही हो,लेकिन इरादा लूटने वाली रहती है।इसलिए कानून में कई खामियाँ रहती है।जनता भ्रष्ट लोकसेवक को रुपये लेकर क्लीन चिट ना दे दे,इसके लिए भी समानांतर कार्यवाही हेतु एक व्यापक कानून बनाना पड़ेगा जिसमें दुरुपयोग करने देने के लिए खामियाँ ना हो।समानांतर कार्यवाही भी एक संविधान के तहत चलेगा।
  • Ankit Kumar Bhai to kya garanti h ki ki Jo naya kanun bnega usme loot k liye jagah n hogi, kyoki apke hisab se kanun ka irada lootne ka hota h. Aakhirkaar parallel law v to ek law hi h.
  • Rahul Kumar #अंकितजी-समानांतर कानून लोगों के साथ मिलकर राय लेकर,जनमत संग्रह करके प्रावधानों पर लोगों का वोट लेकर बनाया जाएगा।सरकारी कानून की तरह चंद लोग बनाने में शामिल नहीं होंगे।लोगों की कोई गारंटी नहीं है लेकिन लोगों द्वारा नियुक्त समानांतर जांच एजेंसी और समानांतर कोर्ट रुपये लेकर क्लीन चिट ना दे दे,इसके लिए भी समानांतर जांच एजेंसी और समानांतर कोर्ट के विरुध्द कार्रवाई करने का लोगों के पास शक्ति होगी।बगैर मुकदमा चलाए समानांतर जांच एजेंसी और समानांतर कोर्ट के लिए नियुक्त सेवक को सार्वजनिक रुप से फांसी देने का शक्ति लोगों के पास होगा।
  • Rahul Kumar #अंकितजी-समानांतर जांच एजेंसी या समानांतर कोर्ट के लिए चयनित किए गए सेवक सिर्फ किसी खास मामला के लिए चयनित होगा।वह दोबारा किसी दूसरे मामला के लिए चयनित नहीं हो सकेगा।इनका चयन मामला से संबंधित क्षेत्र या समूह के लोगों के वोट द्वारा होगा।यदि समानांतर जांच एजेंसी और समानांतर कोर्ट के लोग भी अभी के प्रणाली के तरह लगातार बने रह जाए तो स्वतः भ्रष्ट हो जाएंगे।समानांतर जांच एजेंसी सरकारी कोर्ट का पक्षकार बनने से पहले सरकारी एजेंसी द्वारा जारी जांच में अपना पक्ष रखकर अपने जांच को शामिल करने का भी दवाब बनाएगी।उसके बाद ही समानांतर जांच एजेंसी कोर्ट में पक्षकार बनेगी लेकिन सरकारी एजेंसी द्वारा समानांतर एजेंसी के जांच को बगैर पर्याप्त आधार पर अनसुना किए जाने या सरकारी एजेंसी द्वारा जांच में विलंब करने पर समानांतर जांच एजेंसी सरकारी कोर्ट में पक्षकार बनने का प्रतीक्षा किए बगैर समानांतर कोर्ट में रिपोर्ट जमा करेगी जिसके आधार पर समानांतर कोर्ट में मुकदमा चलेगी।
  • Rahul Kumar Pls read status and comments mentioned above. Ankit Dev Arpan
  • Rahul Kumar Pls read status and comments mentioned above. Gopal Raushan
  • Ankit Dev Arpan mere thinking ke anusar rahul je sahi kah rhe hain aur agar aisa hota hai aise law bante hain to nagriko ko apne adhikar ko use karne ka chance milega aur kuchh had tak crime bhi control hoga aise log jo paise aur power se sab kuchh hasil karte hain unke liye yah musibat paida karega.
    Ankit jee apko bhi iske bare me sochna chahiye aur is par vichar karke apni pratikriya deni chahiye
  • Rahul Kumar #AnkitDevArpan-Thanks for supporting my thought.You are too intellectual to appreciate.
  • Rahul Kumar #गौरवजी-कृपया आप उपरोक्त स्टेटस व सभी टिप्पणीओं को पढ़े।ये आपके द्वारा मुझसे फेसबुक मैसेज बॉक्स में पूछे गए सवाल का जवाब है कि आम आदमी कैसे सशक्त महसूस करे। Gaurav Agarwal
  • Vishwa Manav Jagran Manch जब तक अर्थ का बंटबारा सही नहीं होगा तब तक भ्र्ष्टाचार खत्म नही होगा।
  • Rahul Kumar #VMJM-सवाल ये है कि अर्थ का बंटवारा समान रुप से होगा कैसे?समानांतर कार्यवाही इसमें मदद करेगी।
  • Vishwa Manav Jagran Manch अगर मेरे मेहनत से एक रुपया उत्प्न होता है तो उसमे से चालीस पैसा हमको दो साठ पैसा ब्यबस्था और पूंजी के लिये रख लो।अधिक जानकारी के लियेwww.vmjm.org का पेज पढ़े।
    Vishwa Manav jagaran Manch is a Non Profit Organization how shows the path to humanity by dealing with five...
    VMJM.ORG
  • Rahul Kumar कृपया उपरोक्त स्टेटस व उसपर की गई टिप्पणी को पढ़े।यह आपके द्वारा फेसबुक मैसेजबॉक्स में पूछे गए सवाल का जवाब हैं जिसमें आपने मेरी अगली योजना के बारे में पूछा है।Gopal Raushan
  • Rahul Kumar आप इस स्टेटस और उपरोक्त टिप्पणियों को पढ़े।आपका सवाल जांच कौन करेगा,उसका जवाब ये है। Rahul Gupta





भारत के हरेक नागरिक के पास CrPC का धारा 43 के तहत उसके सामने अपराध करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने का शक्ति है।कुछ दिन पहले एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार कर डीएम,डीईओ आदि के समक्ष पेश करने की सलाह मैंने विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष व अन्य व्यक्ति को दी क्योंकि प्रधानाध्यपक अध्यक्ष समेत तमाम छात्र/छात्राओं का वितरण सूची पर फर्जी हस्ताक्षर कर पोशाक व छात्रवृति राशि गबन कर गया।इसपर एक व्यक्ति ने पूछा कि आप कानून को हाथ में लेकर प्रधानाध्यापक को उसके इच्छा के विरुध्द उठाकर ले जाने यानि अगवा करने की सलाह कैसे दे सकते हैं?मैंने समझाया कि ये अगवा करना नहीं है।ये CrPC का धारा 43 के तहत कानूनी शक्ति है।धरना,हड़ताल,तालाबंदी,बंधक बनाना आदि पुराना पड़ चुका है,जिसका खास असर नहीं होता।जनता को सीधे एक्शन लेना चाहिए।
मैं समानांतर लोकतंत्र की परिकल्पना कर रहा हूँ जहाँ कुछ मामले और परिस्थितियों में जनता के पास समानांतर जांच एजेंसी से लेकर समानांतर कोर्ट बनाकर मुकदमा चलाकर सजा देने की संविधान द्वारा प्रदत शक्ति होगी,जिसका नींव जनता द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में खुद गिरफ्तार कर रखा जा सकता है।— with Surendra Kumar and 83 others.
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  • Kabira Baba Chabiwala बहूत सुन्दर बात कही बहूत ज्ञान की बात
  • Rahul Kumar #AnantBhaiji-I am just going through the said recommendations.#Kabirababa and #RahulSharma-Thanks a lot.
  • Rahul Gupta rahul ji yeh power crpc mai hai, toh kya isme kis bhi doshi officer ya person ko jo galat kr raha ho, usko pakad sakte hai, lekim uski sunwai kaun karega, iske accordingly high court ke kuch order ho toh isko start kiya jaa sakta hai. kay?????
  • Braj Bhushan Dubey अपने राहुल पर किसे नाज नहीं होगा,,,,,हम सभी को इस दिशा में आगे बढना चाहिये,,,राहुल मैं प्रयोग जरूर करूंगा,,,,,,बधाई एवं शुभकामना,,,
  • Kartik Gupta जी गुरु जी सही कहा आपने, हमें गर्व है अपने इस होनहार मित्र पे, महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए धन्यवाद मित्र Rahul Kumar
  • Mohd Hazique Khan Bahot subhkamnaye Rahul Kumar ji
    Apke post se hamesha gyan milta hai ,
  • Lalu Kumar thank you dost
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-संज्ञेय और गैर-जमानतीय अपराध में ही जनता के पास गिरफ्तार करने का शक्ति है।पुलिस भी संज्ञेय अपराध में ही बगैर वारंट का गिरफ्तार कर सकती है और जमानतीय में गिरफ्तार करने के तुरंत बाद जमानत देकर छोड़ना पड़ता है।मैंने स्टेटस में प्रधानाध्यापक के विरुध्द जिस अपराध का उल्लेख किया है,वह संज्ञेय और गैर-जमानतीय है।CrPC का धारा 43 के तहत किसी व्यक्ति द्वारा अरेस्ट करने पर आरोपी को पुलिस के समक्ष पेश करना है।फिर पुलिस पुनः अरेस्ट करके जेल भेजने के बारे में सोचेगी।पुलिस अपने भ्रष्ट आचरण के कारण शायद ही जेल भेजेगी इसलिए भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर हम विजिलेंस,आर्थिक अपराध शाखा जैसे एजेंसी के समक्ष पेश कर सकते हैं जिसके पास भी पुलिस की तरह ही शक्ति है।हम गिरफ्तार कर किसी कार्यपालक या न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष भी पेश कर सकते हैं क्योंकि CrPC का धारा 44 के तहत कार्यपालक और न्यायिक दंडाधिकारी के पास भी उसके क्षेत्राधिकार में उसके सामने हुए अपराध पर गिरफ्तार करने का शक्ति है,इसलिए किसी व्यक्ति द्वारा गिरफ्तार कर आरोपी को डीएम,एसडीएम या कोर्ट में पेश करने पर उसे हिरासत में लेने का आदेश देना पड़ेगा।
  • Suraj Prakash Too good bro ...
  • Rahul Gupta aapne sahi kaha rahul ji, example ke hisab se, koi galat kam kar raha hai, usko jaankari sabko hai, aur hum mai se koi usko pakadt hai, crpc ke section ke hisab se, lekin bharst system hi agar eysa karne bale ke against koi galat illegal action le le, tab us sahi vayakti ka kya hoga,??? usko bachne ke ya uski help ke crpc mai provision hai??? kyoki jo galat hai, woh any cost par apne lo safe karega, aur sahi ko jisne uske against yeh action liya usko fasayaga, system se setting krke??? plz isko thda clrar kare,
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-आपके द्वारा व्यक्त किए गए डर से सहमत हूँ।यदि गलत व्यक्ति को गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति को ही तंत्र को चलाने वाले कोर्ट,पुलिस,अधिकारी,नेता आदि द्वारा झूठा फंसाया जाने लगे या ये झूठा फंसाने में गलत व्यक्ति के साथ साजिश रचने लगे तो गिरफ्तार करने वाले निर्दोष व्यक्ति को बचाने का अभी कोई प्रावधान नहीं है।लेकिन ऐसा किसी एक के द्वारा नहीं किया जाएगा।सभी के द्वारा सामूहिक रुप से किया जाएगा।वो कितने को फंसाएगा!यदि लोग समानांतर रुप से शक्ति का उपयोग करने लगे तो किसी को फंसाने की हिम्मत नहीं होगी।मैंने समानांतर लोकतांत्रिक व न्यायिक प्रक्रिया को संवैधानिक दर्जा देने के बारे में कहा है जिसमें समानांतर कार्यवाही में शामिल व्यक्ति को बचाव करने का भी संवैधानिक प्रावधान होगा।
  • Suraj Prakash Nice bro...
  • Rahul Kumar आप दोनों को ये पोस्ट विशेष रुप से प्रेषित है क्योंकि आप दोनों ने समानांतर लोकतांत्रिक व न्यायिक कार्यवाही की दिशा में कार्य करने का दृढ़ इच्छा दिखाया है और लोगों से चर्चा करना भी प्रारंभ कर दिया है। Ankit Dev Arpan Bam Shankar Jha
  • Rahul Gupta toh rahul ji iske liye PIL dali ja sakti hai, agar CRPC mai itna accha option hai galat vayakti ko catches up karne ka, toh uske against action lene baale bande ke bhi rights kp court ko law ko Indian constitute ko help karni hogi, aapse is par lagatar vichar karna chaunga, aur jald hi allahabad highcourt mai Nutan Thakur ji & Amitabh Thakur ji ke sehyog se PIL daalunga, aaapse updation lunga, plz pehle ki taraha update dijiyeg
  • Rahul Gupta aur juld hi amit ji nutan ji ka sehyog lekar unse milkar is baat par chrcha karunga.
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-आपकी जज्बात देखकर अच्छा लगा कि आप जनहित याचिका दायर करना चाहते हैं।लेकिन अभी जनहित याचिका दायर करना समय से पहले उठाया गया कदम होगा जिसे कोर्ट तथ्य के अभाव में खारिज कर देगा।ये हमारी रिजनेबल आशंका है कि गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति को झूठा...See More
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-आपकी जज्बात देखकर अच्छा लगा कि आप जनहित याचिका दायर करना चाहते हैं।लेकिन अभी जनहित याचिका दायर करना समय से पहले उठाया गया कदम होगा जिसे कोर्ट तथ्य के अभाव में खारिज कर देगा।ये हमारी रिजनेबल आशंका है कि गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति को झूठा फंसाया जाने लगेगा।लेकिन आजतक किसी व्यक्ति द्वारा इस रुप में गिरफ्तार किया नहीं गया और इसलिए ना ही इस कारण से झूठा मुकदमा हुई।पहले लोग गिरफ्तार करना चालू करे,उसके बाद झूठा फंसाने पर ही जनहित याचिका दायर किया जाएगा।
  • Rahul Gupta toh rahul ji is section mai amendment ho sakta hai, jaise 41 crpc mai hua hai, police ki power ko kam karne mai, kuch option lekar, toh isko lekar kyo nahi ho sakta, yeh law bana toh india mai kahi bahar se ban kar toh aaya nahi, aur hamare system ki kami hi yahi hai, wahi dikhao wahi khilao jisse fayada ho, isko lekar kisi ko aage toh aana hoga.?????? ho sakta hai aapka bihar ho ya hamara up, lekin kisi ko pahal karni hogi, backup mai kuch ko saath rakhna hoga, galat hone par bachab ko, ki hum galat nahi hai.
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-हाँ,इस धारा में संशोधन हो सकता है।जिस समय ये धारा बनी,उसी समय बचाव का भी प्रावधान कर देना चाहिए था।लेकिन अभी संशोधन कौन करेगा?गिरफ्तार करने पर झूठा फंसाने पर ही सरकार पर संशोधन का दवाब बनाया जा सकता है।बगैर तथ्य का सरकार भी संशोधन नहीं करेगी।धारा 41 CrPC में संशोधन पुलिस द्वारा गिरफ्तार की शक्ति का दुरुपयोग चरम सीमा पर पहुँचने के बाद ही किया गया।
  • Rahul Gupta rahul ji is section ka kuch karna hoga, isko FB par itna failaya jaaye, ki FB par Political, Justices, Reporter, and many more log maujaood hai, iska ek special page bana kar, usko forward kiya jaaye join krne ko, phir usko government ko forward kiya jaaye, bataye aur rahul ji rai de,
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-अभी इस धारा में संशोधन की बात सरकार तक पहुँचाना तथ्यहीन है।बगैर तथ्य का संशोधन नहीं होता।इस बात को समझिए।पहले गिरफ्तार करना प्रारंभ करना पड़ेगा,फिर झूठा फंसाने पर ही संशोधन के लिए दवाब बनाया जा सकेगा।अभी मुझे व्यक्तिगत रुप से संशोधन के लिए वैसा कुछ भी नहीं करना है जैसा आपने बताया है।अभी सिर्फ कार्ययोजना बनाकर गिरफ्तारी के लिए कार्य करने के साथ समानांतर लोकतांत्रिक व न्यायिक प्रक्रिया को अपनाने के लिए कार्य करना है।वैसे भी मैं समानांतर कार्यवाही का पक्षधर हूँ।गिरफ्तार करने वाले व्यक्ति को झूठा फंसाने वाले के विरुध्द हम समानांतर जांच एजेंसी और समानांतर कोर्ट के जरिये कार्रवाई करेंगे यदि सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो।मेरी सोच असहाय बनकर सरकार पर आश्रित रहने वाली नहीं है।बल्कि समानांतर प्रक्रिया के तहत सीधे एक्शन लेने वाली है।
  • Rahul Gupta aapki baat se sehmat hui, aapne jo example diya hai, apnr post par uske according yaha bhi kosis karte hai, aur saaare evidence ke saath jisse agar police casr bane toh police ko dikhya jaa sake ki aap humko jo kanoon bada rahr ho uske liye hum aapko evidence dete hai, aur rahul ji agar eysa hota hai, aapne kaha toh eyse matter ki investigation kaun karega,,,
  • Rahul Gupta online hokar hindi mai discuss krta hui,
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-आपको मैंने एक टिप्पणी में मेंशन किया है जो मेरा एक स्टेटस पर किया गया है।उस स्टेटस और वहाँ की गई टिप्पणियों को पढ़े।आपका सवाल जांच कौन करेगा,इसका जवाब वहाँ विस्तार से मौजूद है।
  • Rahul Gupta ji dhanyabad rahul ji, aapne jis tippadi par mere ko mention kiya hai usko pada, bahut se doubt clear ho gaye, bus yeh kaise amal mai aaye ab is baare mai sochna hai, ki hamara koi kadam galt na pad jaaye, jo aapke hamare is shidhant ko galat kr de, sorr kuch galat likh gaya hui, toh maaf kijiyega. rahul ji.
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-आप उस स्टेटस और उन टिप्पणियों को एक बार और पढ़िए।मुझे भी इसका डर है कि लोग समानांतर कार्यवाही का रुपये लेकर दुरुपयोग ना करने लगे,जिसके बारे में मैंने वहाँ लिखा है।लेकिन मैं समानांतर कार्यवाही का ऐसा संवैधानिक संरचना की परिकल्पना कर रहा हूँ,जहाँ दुरुपयोग की संभावना नगण्य हो।मनुष्य प्रकृति का सबसे विकृत उपज है।इसलिए एक मात्र समाधान है कि प्रकृति से मनुष्य प्रजाति का अस्तित्व किसी प्राकृतिक घटना के कारण समाप्त हो जाए।लेकिन जब तक अस्तित्व समाप्त नहीं होता है तब तक विकृति कम करने के लिए संरचनात्मक उपाय करने होंगे।मुझे समानांतर कार्यवाही सर्वोत्तम संरचनात्मक उपाय दिखता है।
  • Rahul Gupta waise rahul ji, galat fasane par aadmi jab begunha sabit hoakar bahar aata hai, uske kaam aane ka tarika sochna hoga, yeh wahi log honge jinki aawaj is System ne paise, political approach, aur sajisj karke barbaad ki, woh log apna sab kuch kho chuke hote hai, lekin yaha par bhi ek problem hai, ki baat paisa par aakar fasti hai, paisa le lo, chup ho jao, warna abhi yeh haal kiya hai, isse bura bhi ho sakta hai, woh dar kaise nikala jaaye??? garib, sataye hue, system se tang logo ko kaise bharosa dilayenge ki aap yeh ladai lado hum aapke saath haiz,kahi na kahi koi palt jarga usko saam dhand bhed se daraya bhi jayega, us position par kya hoga???? aap se ek baar mulakaat karna chaunga, face to face, kosis karuga jald time mi
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-ये कार्यवाही सताये हुए लोगों के द्वारा ही की जाएगी।इसलिए उन्हें भरोसा दिलाने की जरुरत नहीं,उनके सहभागिता की जरुरत है।मैं दरभंगा में हूँ,आप बदायूँ में हैं।कैसे मिलेंगे?
  • Rahul Gupta sir koi problem nahi, mai hi aapse jald samay lekar milne aata hui, aapka shukriya bhi adda karna hai, aur is system se ladna bhi toh hai ab, bus raahi milte chale karwan ban jaata hai, lekin usme koi dagabaaj naa aaye, jo beach raste mai saath chhod jaaye, apna 110% dunga jaisa dete aaya hui, mai woh nahi jo dar kar haar kar bhag jau, aakhri saans tak ladnr ki himmat rakhta hui, bhale iske kuch hona kyo pade, sorry thoda personal ho gaya,
  • Rahul Kumar #राहुलगुप्ताजी-मुझे किस चीज का शुक्रिया अदा करना है!मुझे आप पर विश्वास है कि आप पूर्ण सहयोग करेंगे।
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 मैंने CJM,मुजफ्फरपुर के समक्ष IPC का धारा 323,341,447 और 504 (Petty offences) के तहत JM 1st Class के कोर्ट में लंबित एक मुकदमा को ग्राम कचहरी में हस्तांतरित करने के लिए परिवाद दायर करवाया था क्योंकि बिहार पंचायत राज एक्ट,2006 की धारा 106 के तहत ये धाराएँ ग्राम कचहरी के क्षेत्राधिकार का है,जिसपर धारा 113 के तहत कोई कोर्ट संज्ञान नहीं ले सकता और धारा 114 के तहत यदि ग्राम कचहरी के क्षेत्राधिकार वाला कोई मुकदमा कोर्ट में चल रहा हो तो भले ही मुकदमा किसी भी अवस्था में पहुँच गया हो,CJM द्वारा उसे ग्राम कचहरी में हस्तांतरित कर देना चाहिए।लेकिन CJM ने परिवाद को इस आधार पर खारिज कर दिया है कि कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के कारण ग्राम कचहरी का शक्ति स्वतः खत्म हो गया,मुकदमा अभियोजन के साक्ष्य पर पहुँच चुका है,तीन में सिर्फ एक अभियुक्त ने परिवाद दायर किया है और आवेदन सरकार की तरफ से दायर नहीं किया गया है।जब धारा 113 के तहत कोर्ट को संज्ञान लेने की शक्ति है ही नहीं तो फिर कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के कारण ग्राम कचहरी की शक्ति समाप्त कैसे मैंने CJM,मुजफ्फरपुर के समक्ष IPC का धारा 323,341,447 और 504 (Petty offences) के तहत JM 1st Class के कोर्ट में लंबित एक मुकदमा को ग्राम कचहरी में हस्तांतरित करने के लिए परिवाद दायर करवाया था क्योंकि बिहार पंचायत राज एक्ट,2006 की धारा 106 के तहत ये धाराएँ ग्राम कचहरी के क्षेत्राधिकार का है,जिसपर धारा 113 के तहत कोई कोर्ट संज्ञान नहीं ले सकता और धारा 114 के तहत यदि ग्राम कचहरी के क्षेत्राधिकार वाला कोई मुकदमा कोर्ट में चल रहा हो तो भले ही मुकदमा किसी भी अवस्था में पहुँच गया हो,CJM द्वारा उसे ग्राम कचहरी में हस्तांतरित कर देना चाहिए।लेकिन CJM ने परिवाद को इस आधार पर खारिज कर दिया है कि कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के कारण ग्राम कचहरी का शक्ति स्वतः खत्म हो गया,मुकदमा अभियोजन के साक्ष्य पर पहुँच चुका है,तीन में सिर्फ एक अभियुक्त ने परिवाद दायर किया है और आवेदन सरकार की तरफ से दायर नहीं किया गया है।जब धारा 113 के तहत कोर्ट को संज्ञान लेने की शक्ति है ही नहीं तो फिर कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के कारण ग्राम कचहरी की शक्ति समाप्त कैसे हुई?जब धारा 114 के तहत मुकदमा किसी भी अवस्था में होने पर हस्तांतरित किया जा सकता है तो अभियोजन के साक्ष्य पर होने का सवाल कहाँ से आया?बिहार पंचायत राज एक्ट में कहाँ पर लिखा है कि सभी अभियुक्त के तरफ से सरकार द्वारा परिवाद दायर किया जाएगा?
CJM जैसे लोग चाहते हैं कि पंचायती राज संस्था मजबूत ना बने और आम आदमी ग्राम कचहरी में सुलह करने के बजाय कोर्ट में मुकदमा में उलझकर परेशान रहे क्योंकि जब ग्राम कचहरी में मुकदमा हस्तांतरित किया जाएगा तो इन जैसे लोगों की कानून के नाम पर चल रही गोरखधंधा कम जाएगी।
CJM,मुजफ्फरपुर जैसे कानून के विपरीत फैसला देने वाले लोकसेवक के विरुध्द जनता द्वारा समानांतर कोर्ट में मुकदमा चलाकर सजा देकर जनता द्वारा जेल बनाकर उसमें 7 साल बंद रखने की जरुरत है क्योंकि IPC का धारा 219 के तहत कानून के विपरीत फैसला देने पर दीर्घतम 7 साल की सजा का प्रावधान है लेकिन आजतक भारत में इस धारा के तहत किसी न्यायिक अधिकारी को सजा मिला ही नहीं,इसलिए समानांतर कोर्ट ही सजा दे।  — with Bam Shankar Jha and 67 others.
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