Chandan Sharma has been threatened of being implicated falsely and loss of life because he has sent RTI Application to the Block Development Officer seeking information including copies of Muster Roll of the MNREGA Scheme of his village.On 9 May 2014,the Whistle Blowers Protection Act,2011 has received the assent of president.It is the only act which provides some protection to the whistle blowers.Under section 11 of this act,one can approach to the Competent Authority for the protection against the false case and other injuries.
I suggest Chandan Sharma to use this act for his protection and as per his request,i have prepared an application for him.He should either send this application or an application mentioning section 11 of the Whistle Blowers Protection Act,2011 also to the State Vigilance Commission,the State Information Commission,the National Human Rights Commission,the State Human Rights Commission,the District Magistrate etc.
सेवा में
मुख्य सतर्कता आयुक्त महोदय
केन्द्रीय सतर्कता आयोग
सतर्कता भवन,जी.पी.ओ काम्पलैक्स,ब्लाक A,आई.एन.ए,
नई दिल्ली ,100023
मुख्य सतर्कता आयुक्त महोदय
केन्द्रीय सतर्कता आयोग
सतर्कता भवन,जी.पी.ओ काम्पलैक्स,ब्लाक A,आई.एन.ए,
नई दिल्ली ,100023
दिनांक-
विषय-THE WHISTLE BLOWERS PROTECTION ACT,2011 की धारा 11 के तहत सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में
महोदय
उपरोक्त प्रासंगिक विषयक बिन्दुवार निम्न तथ्य प्रस्तुत है-
1.मैंने दिनांक 21/5/2014 को खंड विकास पदाधिकारी,मोहम्मदाबाद,जनपद-गाजीपुर,उत्तरप्रदेश को सूचना का अधिकार आवेदन भेजकर ग्राम आबादान उर्फ बैरान में मनरेगा योजना के तहत किए जा रहे कार्योँ से संबंधित सूचना मांगा है।
उक्त आवेदन पत्र की एक छायाप्रति संलग्न है।
2.आवेदन भेजने के बाद दिनांक 27/5/2014 को रोजगार सेवक जितेन्द्र यादव और एक ग्रामीण वीरेन्द्र कुमार यादव द्वारा फोन करके दवाब बनाया गया और सवाल जवाब किया गया कि मैंने सूचना क्यों मांगा है।फिर रोजगार सेवक जितेन्द्र यादव ग्राम आबादान उर्फ बैरान स्थित मेरा घर गया और मेरे पिताजी को प्रभोलन देने लगा कि आपका सब काम कर दिया जाएगा,बस आप चलकर हस्ताक्षर कर दीजिए कि आपको सूचना मिल गई है।मैं गाजियाबाद में रहता हूँ,इसलिए मुझे इसकी सूचना फोन से दी गई।फिर दिनांक 29/5/2014 को मेरी जितेन्द्र यादव से फोन से (7376492812 नंबर पर) बात हुई।जितेन्द्र यादव ने झूठा मुकदमा में फंसाने और गाली गलौज करते हुए जान से मारने का धमकी दिया है।इसलिए इसकी आशंका है कि मुझे झूठा मुकदमा में फंसाया जा सकता है या मेरे विरुध्द कोई अपराध किया जा सकता है।इस बातचीत में उसने स्वीकार किया है कि मनरेगा योजना में इन लोगों के द्वारा फर्जीवाड़ा और गड़बड़ियाँ किया जाता है।
इस बातचीत का मैंने रिकार्डिंग किया है जो सीडी में संलग्न है।
3.प्रार्थना
उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के आलोक में श्रीमान से प्रार्थना है कि वे-
(क) The Whistle Blowers Protection Act,2011 की धारा 11 के तहत झूठा मुकदमा में फंसाने के विरुध्द और अपराधों से बचाने हेतु सुरक्षा प्रदान करने की कृपा करेंगे।
(ख) मनरेगा योजना के तहत मेरे पंचायत में हो रही गड़बड़ियाँ का जांच कराने की कृपा करेंगे और भ्रष्टाचार में शामिल लोक सेवको के विरुध्द Prevention of Corruption Act,1988 की धारा 13 और IPC का धारा 409,420,465,466,467,468 और 471 के तहत मुकदमा दायर करवाना सुनिश्चित करेंगे।
सधन्यवाद।
सधन्यवाद।
भवदीय
चंदन शर्मा
पिता-योगेन्द्र नाथ शर्मा
आबादान उर्फ बैरान
प्रखण्ड-मोहम्मदाबाद
जनपद-गाजीपुर
राज्य-उत्तरप्रदेश
पिन-233227
पिता-योगेन्द्र नाथ शर्मा
आबादान उर्फ बैरान
प्रखण्ड-मोहम्मदाबाद
जनपद-गाजीपुर
राज्य-उत्तरप्रदेश
पिन-233227
संलग्नक
1.दिनांक 21/5/2014 को खंड विकास पदाधिकारी को भेजे गए सूचना का अधिकार आवेदन का छायाप्रति
2.रोजगार सेवक जितेन्द्र यादव के साथ मेरी फोन बातचीत का सीडी
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Sri Braj Bhushan Dubey Ji,a social worker,Zila Parishad Of Ghazipur,UP and the AAP Parliamentary Candidate 2014 of Ghazipur deserves to be appreciated as he has sent email to the District Magistrate of Ghazipur in connection with the order of the National Human Rights Commission in respect of my complaint on behalf of the students of JNV Ghazipur wherein the District Magistrate has been directed to take action within 2 months and inform same to the complainant (me) .He has informed me that he will file RTI,if no action will be taken by the DM in regard to that order.
He has written in his one status that the police has detained a boy since last six days and he has referred to one Judgement of the Supreme Court Of India (DK Basu Versus Union Of India ) where the Supreme Court has directed that a person can't be detained in the police custody for more than 24 hours.In addition to this judgement,my below analysis may also prove helpful to secure the human rights and fundamental right of that boy.
"अनुच्छेद 22 और CrPC का धारा 76 (In case if arrested on warrant) भी किसी व्यक्ति को 24 घंटे के बाद थाने पर रखने की अनुमति नहीं देती क्योंकि 24 घंटे के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करने कहा गया है।Further,It is clearly written in section 57 of the CrPC that a person can not be detained more than 24 hours in police custody and for keeping a person in Custody after 24 hours,special order should be taken from the Magistrate under section 167 of the CrPC.If that boy is arrested without warrant,then this should be reported to the District Magistrate or Sub Divisional Magistrate,as the case may be,under section 58 of the CrPC. मेरा मानना है कि उस छात्र की मौलिक अधिकार का संरक्षण करने के लिए यह उचित मामला है जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय या इसके लखनऊ खंडपीठ में HABEAS CORPUS नामक रिट अवैध तरीके से थाने में रखने और अवैध गिरफ्तारी करने के लिए दायर किया जाना चाहिए।केजरीवाल जी ने भी दिल्ली उच्च न्यायालय में गोमती मनोचा,मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ HABEAS CORPUS रिट दायर किया था।आप अनुच्छेद 226 के तहत अनुच्छेद 22 के हनन का उल्लेख करते हुए HABEAS CORPUS दायर करे।याचिका दायर करने के अगली दिन सुनवाई होगी।"
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