Monday 30 June 2014

ग्राम सभा और नक्सलवाद


मैं 15 जून से 18 जून तक नई दिल्ली के जंतर मंतर पर लोक स्वराज मंच और व्यवस्था परिवर्तन मंच द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाग लेने गया था।इनकी चार मांग में पहली मांग है-परिवार,गाँव और जिला को संवैधानिक अधिकार देना।इस बारे में मेरा मानना है कि संविधान की अनुसूचि सात में संशोधन करके ग्राम सभा और मोहल्ला सभा के अधिकारों का लिस्ट बनाया जाए और अनुच्छेद 246 में संशोधन करके ग्राम सभा और मोहल्ला सभा को उस लिस्ट में आने वाली विषय के लिए कानून बनाने का अधिकार दिया जाए।अनुच्छेद 246 में इसका भी प्रावधान हो कि सरकार और जनप्रतिनिधि ग्राम सभा और मोहल्ला सभा द्वारा पारित कराए गए प्रस्ताव को मानने के लिए बाध्य होंगे और महिला तथा दलित,पिछड़ो का जनसंख्या के अनुसार इन सभाओं में समानुपातिक प्रतिनिधित्व होगा।

यहाँ छतीसगढ़ के एक पूर्व नक्सली नेता से मेरी संक्षिप्त बातचीत हुई जो अब बजरंग मुनि जी (लोक स्वराज मंच के संरक्षक) के संरक्षण में ग्राम सभा सशक्तिकरण अभियान का कार्य कर रहे हैं।इन्होंने बताया कि ग्राम सभा और नक्सलवाद का उद्देश्य समान है। मतलब,ये कहा जा सकता है कि यदि ग्राम सभा के अधिकारों का अलग लिस्ट बनाया जाए तो कई नक्सली ग्राम सभा से जुड़कर हिंसा करना छोड़ देंगे।
एक पूर्व गाँधीवादी IAS अधिकारी कमल ताओरी से बातचीत के दौरान (मैं बगल में मौजूद था) बजरंग मुनि जी ने कहा था कि जब उन्होंने स्वराज और ग्राम सभा को लेकर छतीसगढ़ में अभियान चलाया तो राज्य सरकार ने इन्हें नक्सलवादी घोषित कर दिया जिस आरोप को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।नक्सलवाद को रोकने का सबसे बड़ा हथियार ग्राम सभा को संवैधानिक अधिकार देना है लेकिन सरकार द्वारा ग्राम सभा के लिए मुहिम चलाने वाले को नक्सलवादी घोषित किया जाता है। नक्सलवादी को करारा जवाब देने का दंभ भरने वाली सरकार महज दिखावा कर रही है।
सच्चाई तो ये है कि कई राजनेता खुद नक्सलवादी का संरक्षक है जिसकी जानकारी मुझे पटना के पुरानी सचिवालय में काम करने वाले एक सरकारी कर्मचारी के द्वारा दी गई है।जब मुख्यमंत्री सचिवालय में ये चर्चा आम है तो जाहिर है कि राजनेता इसमें शामिल हैं।यदि राजनेता इसमें शामिल नहीं होते तो ग्राम सभा को संवैधानिक अधिकार दे दिया गया होता।
भ्रष्टाचार कम करने और विकास बढ़ाने का सबसे बड़ा उपाय ग्रामसभा को संवैधानिक अधिकार देना है,फिर नक्सलवाद को पनपने और भ्रष्टाचार,विकास को मुद्दे बनाकर इन्हें उग्रता फैलाने का मौका नहीं मिलेगा।
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